बीटीसी कोर्स करने के लिए यदि 80 और 90 फीसदी अंक नहीं है तो भी चिंता की जरूरत नहीं है। अब इससे कम अंक वालों को भी बीटीसी कोर्स में प्रवेश का मौका मिलेगा।
प्रदेश में बीटीसी की अभी कम से कम छह हजार सीटें और बढ़ने वाली हैं। इसलिए बीटीसी करने वालों के लिए इस बार मौका ही मौका है। प्रदेश में मौजूदा समय बीटीसी की 33,100 सीटें हैं।
प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। बीटीसी के बाद टीईटी पास करने वाले को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की नौकरी मिलने की गारंटी हो जाती है।
प्रदेश में बीटीसी की अभी कम से कम छह हजार सीटें और बढ़ने वाली हैं। इसलिए बीटीसी करने वालों के लिए इस बार मौका ही मौका है। प्रदेश में मौजूदा समय बीटीसी की 33,100 सीटें हैं।
प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। बीटीसी के बाद टीईटी पास करने वाले को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की नौकरी मिलने की गारंटी हो जाती है।
इसलिए बीटीसी कोर्स में प्रशिक्षण लेने के लिए होड़ रहती है। अब तो बीए, बीएससी व बीकॉम वाले ही नहीं प्रोफेशनल कोर्स वाले भी इस ओर भाग रहे हैं। इसलिए जब सीटें कम होती थीं तो प्रवेश के लिए मारामारी रहती थी।
बड़े शहरों में 80 व 90 फीसदी से कम अंक वालों को मौका नहीं मिल पाता था लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। मौजूदा समय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में 10,450 और 451 निजी कॉलेजों में 22,650 सीटें हैं।
इसके अलावा अभी करीब सवा सौ निजी कॉलेजों को इसी साल और संबद्धता मिलने की संभावना है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने राज्य स्तर समिति से बैठक कर संबद्धता संबंधी प्रकरण को जल्द निस्तारित करने का निर्देश दिया है।
नए कॉलेजों को संबद्धता संबंधी मामला निस्तारित होने के बाद छह हजार सीटें और बढ़ने का अनुमान है।
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