Monday 26 August 2013

7000 TGT PGT Recruitment UP

सात हजार शिक्षकों के पदों पर होगी भर्ती

यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में 7 हजार शिक्षकों के पद पर भर्तियां करने की तैयारी शुरू हो गई है। इन रिक्तियों का सत्यापन शुरू हो चुका है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने राज्य सरकार से ऑनलाइन आवेदन लेने के लिए भी मंजूरी मांगी है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने 2011 में जारी विज्ञापन के आधार पर होने वाली 1514 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई है। इसमें एक बिन्दु रिक्तियों का सत्यापित न कराया जाना भी है।
नियमानुसार भर्तियों के लिए विज्ञापन रिक्त पदों की तस्दीक के बिना नहीं निकाला जा सकता। अब इन रिक्तियों का सत्यापन कराया जा रहा है और इसके साथ ही लगभग 7 हजार पदों का सत्यापन भी कराया जा रहा है ताकि भर्तियां जल्द शुरू हो चुके। इन 7 हजार पदों पर भर्तियों के लिए जिलों ने बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। हालांकि बोर्ड को अगले दो सालों में रिटायर होने के फलस्वरूप खाली होने वाले पदों के सापेक्ष भर्तियां करनी होती हैं।

लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो पा रहा है। पिछले तीन वर्षो से भर्तियां सुचारू रूप से नहीं हो पा रही हैं। 2010 की भर्तियों को भी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। वहीं 2011 की भर्ती प्रक्रिया अब शुरू हुई थी और लिखित परीक्षा अगस्त व सितम्बर में होनी थी। ऐसा इसलिए हुआ कि बोर्ड के अध्यक्ष पर विवाद खड़ा हो गया था और बाद में भर्तियों पर रोक लग गई। बोर्ड द्वारा शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में पूरे एक वर्ष का समय लगता है।
नीतियों के मुताबिक, अगले दो वर्ष तक रिटायर हो रहे शिक्षकों के पदों का आकलन कर भर्ती की जानी चाहिए। सत्र शुरू होते समय बोर्ड के पास शिक्षक एडवांस में रहने चाहिए और जैसे-जैसे शिक्षक रिटायर हों, वहां पर उन्हें नियुक्ति दी जाए। लेकिन व्यावहारिक रूप में ऐसा हो नहीं हो पा रहा है। ये 7 हजार पद जून 2014 तक के लिए हैं।

वर्ष 2016 तक का वविरण जुटा रहा बोर्ड वहीं अब बोर्ड ने जून 2016 तक रिटायर होने के बाद खाली होने वाले पदों का ब्यौरा जुटाने की तैयारी में है।
सभी जिलों के पत्र भेजे जा रहे हैं कि जून 2016 तक खाली होने वाले पदों वविरण बोर्ड भेजा जाए ताकि अगले वर्ष इसकी भर्ती के लिए तैयारी की जा सके।
2 ऑनलाइन आवेदन मांगे जाने की तैयारीइस बार बोर्ड इन 7 हजार पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना चाह रहा है। इससे न केवल बोर्ड का समय बचेगा बल्कि पैसे का हिसाब-किताब भी समय से हो पाएगा। 2011 की भर्तियों के समय आए बैंक ड्राफ्ट भी विवाद के कारण उस समय भुनाए नहीं जा सके।
अब बोर्ड का करोड़ो रुपया बैंक में फंस गया

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