रेलवे में हो सकती है 15,000 बाबुओं की भर्ती
उत्तर प्रदेश में रेलवे में ड्राइवरों, चेकिंग स्टॉफ और तकनीकी पदों पर भर्तियों की तरह मिनिस्टीरियल कैडर के पदों पर रुकी भर्ती खुल सकती है।
कर्मचारी संगठनों का दबाव पड़ने पर रेलवे बोर्ड ने मान लिया है कि मिनिस्टीरियल पदों की भर्ती पर रोक नहीं लगाई गई है। हालांकि, जोनल अफसरों की शिकायत है कि रेलवे बोर्ड भर्ती का आदेश जारी नहीं कर रहा है।
इसके कारण भर्तियां शुरू करने में अड़चन आ रही है। अब एनएफआईआर ने दबाव बनाना शुरू किया है कि भर्तियां शुरू करने के लिए रेलवे बोर्ड जल्द आदेश जारी करे।
कर्मचारियों की लगातार सेवानिवृत्ति बढ़ने के कारण सभी जोनों में रिक्त पदों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अनुमान है कि सभी जोनों में 15 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं।
रेलवे बोर्ड हरी झंडी दिखाए तो बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार भी मिल सकता है।
रेलवे में पिछले 22 सालों से मिनिस्टीरियल पदों पर भर्तियां नहीं हो रही हैं। जबकि, कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे धीरे-धीरे मिनिस्टीरियल कैडर ही खतरे में पड़ता दिख रहा है।
एनएफआईआर ने रेलवे बोर्ड के साथ जून 2012 और फरवरी 2013 में हुई बैठकों में इस मुद्दे को उठाया है। संगठन के महासचिव एम. राघवैया ने रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य (स्टाफ) को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि बोर्ड ने यह मान लिया कि भर्तियों पर रोक नहीं है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए आदेश जारी नहीं किए। भर्ती न होने से सभी जोनल रेलवे में मिनिस्टीरियल स्टाफ की भारी कमी हो गई। इससे दैनिक कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।
पश्चिमी रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी ने भी बोर्ड को पत्र लिखकर भर्ती न होने से कठिन परिस्थितियों का हवाला दिया है।
संभावना जताई जा रही है कि बोर्ड जल्द ही हजारों की संख्या में रिक्त पड़े इन पदों पर भर्ती का आदेश जारी कर सकता है।
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एनसीआरईएस के महामंत्री आरपी सिंह का कहना है कि केंद्रीय संगठन की सक्रियता के बाद बोर्ड ने माना कि भर्तियों पर रोक नहीं है। अगली बैठक में आदेश जारी करने को लेकर भी चर्चा होनी है।
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